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महिलाओं में प्रेगनेंसी की किस तिमाही में ट्रेवलिंग करना सुरक्षित होता है? एक्सपर्ट से जानें

Admin
Last updated: September 18, 2024 3:06 pm
Admin
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10 Min Read
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महिलाओं में प्रेगनेंसी एक ऐसा वक्त होता है जहां उन्हें अपने खान-पान, रहन-सहन और यातायात के माध्यमों पर गौर करना जरूरी होता है। प्रेगनेंसी की खबर सुनते ही महिलाएं अपने खान-पान के ऊपर बहुत एतिहात रखने लग जाती हैं। महिलाएं ज्यादातर अपनी जीवन शैली को तनाव और चिंता रहित बनाने की बहुत कोशिश करती हैं मगर सभी की जीवन शैली में कोई ना कोई एक ऐसी चीज जरूर होती है जहां वह असुविधा जनक महसूस करती हैं और गर्भावस्था के दौरान महिलाएं सबसे ज्यादा यात्रा को लेकर परेशान रहती हैं। ऐसे वक्त में घर के बड़े बुजुर्ग हमेशा यही सलाह देते हैं कि गर्भावस्था में ज्यादा यात्रा नहीं करना चाहिए। यह वक्त बहुत संवेदनशील होता है इसीलिए महिलाएं कहीं बाहर आने जाने और यातायात के अनुकूल प्रबंध के बिना कहीं दूर यात्रा करना पसंद नहीं करती।

Contents
गर्भावस्था में यात्रा के सही नियमों को चुने गर्भावस्था के दौरान यात्रा करना सुरक्षित है या नहीं?प्रेगनेंसी के दौरान कौन से ट्राइमेस्टर में यात्रा करना सुरक्षित होगा?गर्भावस्था में यात्रा करने से होने वाली परेशानियां प्रेगनेंसी के समय कार यात्रा के कुछ नियम निष्कर्ष 

गर्भावस्था में यात्रा के सही नियमों को चुने 

गर्भवती होने का यह मतलब नहीं कि आप अपने आप को 12 महीने के लिए घर में कैद कर ले और कहीं आना जाना ना करें। महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी में कहीं भी बाहर आना-जाना कर सकती हैं मगर एतिहात बरखने के साथ-साथ उन्हें बाहर जाने की जरूरत को भी साथ में लेकर चलना पड़ेगा कि वह जरूरी है अभी या नहीं? डॉक्टर यही सलाह देते हैं की महिलाओं को गर्भवती होने के बाद यात्रा के कुछ नियमों का पालन करना चाहिए ताकि वह अनुकूल सुविधाओं के साथ बाहर जा सके और सुरक्षित भी रहे। इस उल्लेख में हम यातायात के कुछ नियमों के ऊपर ध्यान देंगे जो गर्भावस्था के दौरान पालन करने चाहिए जिससे हमें यह पता चल सके की प्रेगनेंसी के दौरान आप किन-किन जगहों पर जा सकते हैं और किस जगह आपको नहीं जाना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान यात्रा करना सुरक्षित है या नहीं?

प्रेगनेंसी एक संवेदनशील स्थिति है जिसमें हमें महिलाओं के ऊपर 8 से 9 महीने तक उनकी हर छोटी बड़ी बातों का ख्याल रखना चाहिए। शिशु की शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए गर्भाशय पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं पड़ना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान यात्रा करते समय आपको लगने वाले झटके, पेट पर दबाव और किसी भी दुर्घटना के प्रति बहुत सावधान रहकर चलना पड़ेगा। अगर आप इन सब बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो गर्भपात तक की नौबत आ सकती है। इसीलिए आपको यातायात के कुछ नियमों का बाहर निकलते वक्त हमेशा पालन करना चाहिए ताकि आप किसी दुर्घटना से बचे रहे। गर्भवती महिलाएं अपनी डिलीवरी डेट तक आते-आते ट्रेवल कर सकती है। मगर गर्भावस्था के दौरान अगर आप प्रेगनेंसी की जटिलताओं के साथ यात्रा करना चाहती हैं तो यह बिल्कुल भी सही नहीं होगा ना आपके लिए ना आपके होने वाले शिशु के लिए।

प्रेगनेंसी के दौरान कौन से ट्राइमेस्टर में यात्रा करना सुरक्षित होगा?

महिलाओं के लिए यह एक जटिल समस्या है जिसके अंदर वह यह नहीं तय कर पाती की कौन से ट्राइमेस्टर में उन्हें यात्रा करना सबसे ज्यादा सुरक्षित होगा।

१. पहले तिमाही में यात्रा करना सुरक्षित नहीं होता। यह एक ऐसा वक्त होता है जब महिलाएं अपनी गर्भावस्था की शुरुआती दिनों में होती हैं और उस समय भ्रूण के विकास के लिए बहुत आवश्यक होता है। गर्भावस्था की शुरुआती दिनों में गर्भपात होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इसीलिए पहले ट्रिमेस्टर में आपको कहीं ज्यादा दूरी की यात्रा करना सुरक्षित नहीं होगा।

२. दूसरी ट्राइमेस्टर में आप यात्रा कर सकते हैं। दूसरी तिमाही मतलब 14 से 28 सप्ताह तक आप कहीं पर भी यात्रा कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान यह वक्त बहुत ही ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक माना जाता है। इस वक्त में महिलाओं में गर्भपात के होने का जोखिम भी काफी कम होता है। इसके अलावा महिलाओं के शरीर में जरूरी हारमोंस भी पैदा होने शुरू हो जाते है। इसी के दौरान उनके शरीर में ऊर्जा का प्रचार भी काफी ज्यादा होता है जिससे वह अपने शरीर और शिशु को भी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकती हैं। दूसरे ट्रिमेस्टर में महिलाओं का पेट भी ज्यादा बड़ा नहीं होता जिसके तहत वह कहीं पर भी आराम से यात्रा कर सकती हैं। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि वह कहीं पर भी घूमने के मकसद से निकल जाए जहां पर टूटे-फूटे रोड ऊपर खाबड़ जगह पर जाकर वह अपने और अपने बच्चे के लिए काफी जटिलताओं का कारण बन सकती है।

३. तीसरी ट्राइमेस्टर में यात्रा करना ज्यादा सुरक्षित नहीं होता। यह इसलिए भी होता है कि सातवें और आठवें महीने में महिलाओं का शरीर पूरी तरह से थक जाता है कोई भी छोटा सा काम करने के बाद वह बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस करने लग जाती है जिसकी वजह से उन्हें कहीं बाहर यात्रा करने की सलाह नहीं दी जाती। यात्रा करने का सबसे पहला नियम यही है कि गर्भावस्था की महिलाओं को सबसे ज्यादा सुरक्षित तौर पर रखा जाए ताकि उनको ना उनके होने वाले बच्चों को किसी भी तरह की समस्याओं को सामना करना पड़े। यही बात डॉक्टर भी बोलते हैं क्योंकि उन्हें भी पता है की यातायात का समय ज्यादा लंबे से ज्यादा थकावट दिलाने वाला भी हो सकता है जो की गर्भवती महिला के लिए किसी परेशानी से कम नहीं होता।

गर्भावस्था में यात्रा करने से होने वाली परेशानियां 

जिन महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी होती है उन्हें ज्यादा दूरी की यात्रा करने की सलाह नहीं दी जाती। ऐसा इसलिए भी किया जाता है ताकि गर्भावस्था के दौरान उन्हें नीचे दी गई कोई समस्याओं को सामना न करना पड़े।

गर्भाशय ग्रीवा की समस्याएं, जैसे अक्षम गर्भाशय ग्रीवा।

  • वजाइनल ब्लीडिंग
  • मल्टीपल प्रेग्नेंसू
  • गर्भावधि मधुमेह
  • उच्च रक्तचाप
  • प्री-एक्लेमप्सिया
  • पहले गर्भपात हो चुका हो
  • समय से पहले प्रसव पीड़ा

 

यह कुछ ऐसी समस्याएं हैं जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में ज्यादातर पाई जाती हैं। डॉक्टर इन्हीं सब समस्याओं से बचने के लिए उन्हें ज्यादा यात्रा न करने की सलाह देते हैं।

प्रेगनेंसी के समय कार यात्रा के कुछ नियम 

गाड़ी से यात्रा करना एक जीवन शैली का अभिन्न भाग है जिसे हम चाहे या ना चाहे हमें करना ही पड़ जाता है। इसी के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए भी कार्य से यात्रा करना जरूरी हो जाता है। इसके लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा जो नीचे दिए गए हैं।

  • प्रेगनेंट महिलाओं में शौचालय की जरूरत बार-बार होती है जिसके लिए उन्हें गाड़ी यात्रा में बार-बार रुकना पड़ेगा।
  • कार से यात्रा करते हुए आपको हमेशा सीट बेल्ट पहने रखना होगा और लैब सास को अपनी गोद में ही रखें।
  • उबर खाबर रास्ते पर अचानक झटका लगने से गर्भवती महिला की नाभ भी टूट सकती है जिसके लिए वह अपने नीचे कोई मखमली सब गद्दा भी रख सकते हैं ताकि उन्हें अचानक उछालना ना पड़े।
  • कार से होने वाली किसी भी दुर्घटना के दौरान अगर गर्भवती महिला आगे वाली सीट पर बैठी है तो एयरबैग का प्रभाव कम करने के लिए वह चाहे तो वह अपनी सीट को डैशबोर्ड से जितना पीछे हो सकता उतना पीछे ले सकती हैं।
  • महिला को अगर अकेले ही गाड़ी चलाना पड़ जाए तो उन्हें स्टीयरिंग व्हील से काफी दूरी बनाकर रखनी चाहिए जहां तक उनके पैर आसानी से ब्रेक और एक्सीलेटर तक पहुंच सके।

 

निष्कर्ष 

हमें यह पता है की महिलाओं को गर्भावस्था में बहुत ध्यान देने की आवश्यकता होती है मगर हम क्या कर सकते हैं उनको सुरक्षित महसूस कराने के लिए यात्रा में यह बहुत ज्यादा जरूरी है। इसके लिए हमें हमेशा महिलाओं का ख्याल रखना सीखना पड़ेगा ताकि उन्हें किसी चीज की परेशानी ना हो। यात्रा को लेकर महिलाएं हमेशा से ही परेशान रहती हैं और यही सोचती हैं कि गर्भावस्था में वह कैसे और कितनी दूर तक बाहर निकल सकती है। मगर दिए गए उचित नियमों का पालन करते हुए वह सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकती हैं चाहे कर में या हवाई जहाज में।

महिलाओं में प्रेगनेंसी

 

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